Nazar uthao zara tum, by Jagjit Singh

Lyrics for this ghazal by Jagjit Singh...

नज़र उठाओ ज़रा तुम, तो कायनात चले

है इन्तज़ार कि आँखों से कोई बात चले...

तुम्हारी मर्ज़ी बिना वक्त भी अपाहज है

ना दिन खिसकता है आगे, ना आगे रात चले

है इन्तज़ार कि आँखों से कोई बात चले...

नज़र उठाओ ज़रा तुम, तो कायनात चले

किसी भिखारी का टूटा हुआ कटोरा है

गले में डाले उसे आस्मां पे रात चले

नज़र उठाओ ज़रा तुम, तो कायनात चले

है इन्तज़ार कि आँखों से कोई बात चले...

Anisha Sharma
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