कस्तूरी तिलकं ललाट पटले वक्ष: स्थले कौस्तुभं
21 November, 2022 |
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सुमिरन करो आदि भवानी का, पहला सुमिरन गणपति देवा, और रिद्धि सिद्धि महारानी का
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृंदा बिपिन बिहारी, और संग में सज रही हैं, श्री वृषभानु की दुलारी
गुरुवर हम भी शरणागत हैं, स्वीकार करो तो जानें, अब हमें पतित से पावन, सरकार करो तो जानें
Hindi Guru Bhajan with Lyrics गुरु मात पिता, गुरु बंधु सखा तेरे चरणों में स्वामी मेरे कोटि प्रणाम
In this beautiful bhajan, poet Saint Surdas depicts an unparalled conversation between the divine and the devotee; both playing both roles simultaneously.